वो मुझको तन्हा रोता मिला
हर इंसान उसे सोता मिला
मैंने पूछा कि कौन हो तुम
वो बोला तुम्हारा वजूद हूँ मैं
तुम मिट जाओगे इस तरह
सिमट जाऊँगा मैं तुम्हारे बाद
क्यों बारूद से खेलते हो तुम
मेरे पास इसका जवाब न था
मेरे वजूद ने एक सांस छोड़ी
मैं समझ गया तुम्हारा उत्तर
तुम पर तुम्हारा अहम हावी है
तुम मुझे मिटाना चाहते हो
पर ये हो सकता है संभव तब
जब मिट जाओ तुम मुझसे पहले
© जितेन्द्र नाथ 06/03/2022