Film : Ek banda kafi hai
OTT Plateform : Zee5
Director: Apoorv Singh Karki
Writer: Deepak Kingrani
Producer: Vinod Bhanushali
Juhi Parkash Mehta
शुक्रिया मनोज वाजपेयी
आप सोच रहे होंगे कि मैं ऐसा क्यों लिख रहा हूँ? इसका कारण यह है कि आज के दौर में जब सब कुछ किसी न किसी एजेंडा की चाशनी/ज़हर में डूब चुका है, ऐसे वक्त में यह अभिनेता पूरे मनोयोग से हमें अपने प्रतिभा के दम पर चकित कर देता है।
इरफ़ान भी ऐसे ही कलाकार थे पर उनका साथ अब उनके चाहने वालों से छूट गया है।
मैं उनके बारे में ऐसा उनकी ओटीटी (Zee5) पर प्रदर्शित फिल्म 'एक बन्दा काफी है', देखने के बाद कह रहा हूँ। दर्शकों को कहानी के बारे में पहले से ही अंदाजा होने के बावजूद मनोज अपने दम पर दर्शकों को बांधे रखने में पूरी तरह से कामयाब रहे हैं।
मनोज वाजपेयी ने पूनम चन्द सोलंकी के किरदार में कई सारे चाँद टांक दिए हैं। यह सब उन्होंने इतने सहज अंदाज़ में किया है कि सब मन्त्रमुग्ध होकर उनकी अदाकारी को अनुभव करते हैं।
मनोज वाजपेयी ने एक मासूम लड़की की खातिर न्याय की तलाश में निकले एक आम वकील 'पीसी' सोलंकी की सारी कोशिशें, हताशा, डर, उम्मीदें और पीड़ा पर्दे पर साकार कर दी हैं। बहुत दिनों के बाद ऐसी कोई फ़िल्म देखी है जिसके बारे में सीन दर सीन बात की जा सकती है।
फ़िल्म के अंत में वह अपनी ज़िरह को जिस तकरीर से खत्म करते हैं, वह हर आदमी के उस रोष को प्रकट करती है, जो तथाकथित बाबाओं द्वारा उनकी आस्था में सेंध लगा कर धोखा देने के बाद उपजता है और लोग ठगा सा महसूस करते हैं। जब वकील सोलंकी कहता है कि 'यह आदमी भगवान नहीं... रावण है' तो उनके किरदार के मुंह से निकले ये शब्द रोंगटे खड़े कर देते हैं और भावुक कर देते हैं। उनके हाथों की कंपन उनकी ऊर्जा का ह्रास दिखाती है जो इस केस में लड़ने में लगी है।
इस 'बन्दे' को अभिनय करते देखना एक तृप्ति प्रदान करता है जो कभी बलराज साहनी और संजीव कुमार को देख कर होती थी।
इसलिये शुक्रिया मनोज वाजपेयी 💐💐
#jitendernath #manojbajpayee
Manoj Bajpayee